On migration
मुड़ के पीछे देखा तो ख़ाके सर हो चुका था
आगे देखा तो सहरा ही सहरा नज़र आया।
छोड़ चले अपनी यादें हम तन्हाई में
नहीं जी पाते हैं वतन की जुदाई...
...language and are an important part of the history of modern Kashmiri literature.
Lal D...al Ded's poems represent some of the earliest known works of Kashmiri literature and were...
क्या से क्या हो गया कश्मीर
पावन भूमि स्वर्ग सी धरती
बदल गई है तस्वीर
क्या से क्या हो गया कश्मीर।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
मिल जुल रहते भाई भाई
खून बना है...
मेरे हाथों से छीना तुमने क्यों
मुझे मेरा कश्मीर लौटा दो।
लम्हों की गलती सदियों ने सज़ा पाई
हर बशर की आंखें देखो भर आईं
अब ज़रा बेदार हो कर तो देखो
मुझे म...