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अलविदा इस वतन को करता हूं

अलविदा इस वतन को करता हूं
पीछे मुडना नहीं अब जा रहा हूं।

याद तुम्हें ऐ वतन करता रहूंगा
ज़िन्दा हूं जब तक नहीं भूलूंगा।

जुड़ी है यादें मेरी तुम्हारे साथ
छोड़ कर सब जा रहा हूं खाली हाथ।

ख्वाब देखें थे कभी हमने जिस बहार के
उसी बहार ने बर्बाद किया इस मक़ाम पे लाके।

शाद थे हम नाशाद हो कर
वीरान हुए हम आबाद होकर।

दुश्मन " सन्तोष " तुम्हारा कभी न था
दोस्त तुम बन न सके कसूर हमारा न था।

सन्तोष
27/06/1990

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